Char Dham Registration: चार धाम यात्रा हिंदुंओ के लिए आस्था का प्रतीक है जिसके लिए भारतीय 6 महीने इन्तजार करने के बाद चारो धामों के दर्शन के लिए निकलते हैं लेकिन फिर पता चलता है की ट्र्रैफिक भीड़ और कई अन्य कारणों से यात्रा पर जाना संभव नहीं है। और यही श्रद्धालुओं की पीड़ा सुनने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये जाते हैं जहाँ इसकी गुहार लगायी जा सके।
उत्तरखंड सरकार (Uttarakhand Goverment) के मास्टर प्लान आफत
चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) के दर्शन के लिए आज से ही नहीं बल्कि हजारों वर्षों से लोग करते चले आरहे हैं लेकिन दर्शन में दैवीय आपदा बारिश पहाड़ों का ढहना बाढ़ जैसी समस्या ही यात्रा रोकती थीं लेकिन अब उत्तरखंड (Uttarakhand) सरकार के मास्टर प्लान आफत बन रहे हैं। 2024 यात्रा शुरू होते ही प्रशासन की ढीला पोली दिख गयी और सारी व्यवस्थाएं चरमरा गईं, यात्रा शुरू होते ही चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन (Char Dham Registration) पर रोक लगा दी गईं जिससे गांव से आए बूढ़े बुजुर्गों को हफ़्तों रजिस्ट्रेशन के लिए हरिद्वार ऋषिकेश में रुकना पड़ा, यात्रियों में सबसे ज्यादा यात्री गुजरात और महाराष्ट्र के थे।
यात्रियों ने यात्रा पर न आने की खाई कसम
हफ़्तों इन्तजार के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ और यात्रियों को निराश हो कर वापस जाना पड़ा प्रसाशन की अधूरी व्यवस्था को देखते हुए श्रद्धालुओं ने चार धाम यात्रा न करने की कसम खा ली है। जो की उत्तराखंड टूरिज्म के लिए बढ़ी बात हैं। यही नहीं प्रशासन की गलतियों का खामियाजा ट्रेवल एजेंट होटल ारोबारी भी भुगत रहे हैं और पूरा व्यापार मंडल प्रशासन से खफा है।
एक दिन में मात्रा 1500 हो रहे चार धाम रजिस्ट्रेशन (Char Dham Registration)
यात्रियों को हो रही असुविधा को देखते हुए 15 दिन बाद एक दिन में 1500 रजिस्ट्रेशन खोलने का ऐलान किया गया लेकिन हज़ारों श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे 1500 रजिस्ट्रेशन छू मंतर होते दिख रहे हैं। आगे पढ़ें: Lok Sabha Elections 2024: एक निर्णायक
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