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राम प्रसाद बिस्मिल जयंती: स्वतंत्रता संग्राम के महानायक को श्रद्धांजलि

राम प्रसाद बिस्मिल जयंती: स्वतंत्रता संग्राम के महानायक को श्रद्धांजलि

विवरण: आज, 11 जून, को पूरा देश महान स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती मना रहा है। बिस्मिल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान तक न्यौछावर कर दी। उनके बलिदान और योगदान को याद करते हुए, देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।


नई दिल्ली: आज, 11 जून, को पूरे देश में राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाई जा रही है। बिस्मिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नायक थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपने जीवन का बलिदान दिया। उनके साहस और बलिदान ने देशवासियों के हृदय में स्वतंत्रता के प्रति एक अनोखी ज्वाला प्रज्वलित की।

राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में हुआ था। वे बचपन से ही देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत थे और युवावस्था में ही क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए। काकोरी कांड के प्रमुख योजनाकारों में से एक बिस्मिल ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजी सरकार को चुनौती दी।

आज उनकी जयंती के अवसर पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। दिल्ली, लखनऊ, और शाहजहाँपुर में विशेष समारोह आयोजित किए गए, जहाँ उनके आदर्शों और बलिदान को याद किया गया। स्कूली बच्चों ने बिस्मिल के जीवन और उनके कार्यों पर आधारित नाटक और कविताएँ प्रस्तुत कीं। देश के प्रमुख नेताओं और इतिहासकारों ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि बिस्मिल की वीरता और देशप्रेम हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर राम प्रसाद बिस्मिल को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “राम प्रसाद बिस्मिल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जो योगदान दिया, वह अविस्मरणीय है। उनका जीवन और बलिदान हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा।”

राम प्रसाद बिस्मिल की कविताएँ और लेख आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। उनकी प्रसिद्ध कविता “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” स्वतंत्रता संग्राम का एक अमर गीत बन गया है, जो आज भी हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की भावना को जाग्रत करता है।

राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती पर, हमें उनके बलिदान और संघर्ष को न केवल याद करना चाहिए, बल्कि उनके आदर्शों को भी अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उनकी देशभक्ति और बलिदान की भावना हमें हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और प्रेरित करती रहेगी।

आज, इस महानायक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, हम सभी उन्हें नमन करते हैं और उनके सपनों के भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।

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